दो वर्णों के मेल से होने वाले विकार को ‘संधि’ कहते है। संधि में मूल पदों को पृथक करना ‘संधि-विच्छेद’ कहलाता है। इस मिलावट को समझकर वर्णों को अलग करते हुए पदों को अलग-अलग करना ही ‘संधि-विच्छेद’ है।
संधि विच्छेद के उदाहरण -
| शब्द | संधि विच्छेद |
|---|---|
| धर्मार्थ | धर्म + अर्थ |
| स्वार्थी | स्वर + अर्थी |
| परमार्थ | परम + अर्थ |
| परमाणु | परम + अणु |
| वेदांत | वेद + अंत |
| दीपावली | दीप + अवली |
| पितांबर | पीत + अंबर |
| शरणार्थी | शरण + अर्थी |
| रामावतार | राम + अवतार |
| कुसुमावली | कुसुम + अवली |
| शास्त्रार्थ | शास्त्र + अर्थ |
| स्वार्थ | स्व + अर्थ |
| वीरांगना | वीर + अंगना |
| हिमालय | हिम + आलय |
| देवालय | देव + आलय |
| आत्माहुति | आत्मा + आहुति |
| धर्मात्मा | धर्म + आत्मा |
| सत्याग्रह | सत्य + आग्रह |
| वातावरण | वात + आवरण |
| शिवालय | शिव + आलय |
| शरणागत | शरण + आगत |
| देवागमन | देव + आगमन |
| विद्यार्थी | विद्या + अर्थी |
| सीमांकित | सीमा + अंकित |
| रेखांकित | रेखा + अंकित |
| यथावकाश | यथा + अवकाश |
| विद्याभ्यास | विद्या + अभ्यास |
| परीक्षार्थी | परीक्षा + अर्थी |
| देशांतर | दिशा + अंतर |
| रवीन्द्र | रवि + इंद्र |
| कवीन्द्र | कवि + इंद्र |
| अभीष्ट | अभि + इष्ट |
| मुनींद्र | मुनि + इंद्र |
| कपींद्र | कपि + इंद्र |
| गिरीश | गिरी + ईश |
| अधीश | आधी + ईश |
| कपीश | कपी + ईश |
| कवीश | कवी + ईश |
| मुनीश | मुनी + ईश |
| परीक्षा | परी + ईक्षा |
| हरीश | हरी + ईश |
| महेंद्र | मही + इंद्र |
| नरेंद्र | नारी + इंद्र |
| नारीन्दु | नारी + हिंदू |
| सचिंद्र | शची + इंद्र |
| नारीकछा | नारी + इच्छा |
| योगेंद्र | योगी + इंद्र |
| लक्ष्मीच्छा | लक्ष्मी + इच्छा |
| नदीश | नदी + ईश |
| महेश | मही + ईश |
| रजनीश | रजनी + ईश |
| नारेश्वर | नारी + ईश्वर |
| सतीश | सती + ईश |
| जानकीश | जानकी + ईश |
| योगेश्वर | योगी + ईश्वर |
| भानूदय | भानु + उदय |
| विधूदय | विधु + उदय |
| गुरुपदेश | गुरु + उपदेश |
| साधूपकार | साधु + उपकार |
| बहुउद्देशीय | बहु + उद्देश्य |
| सूक्ति | सु + उक्ति |
| लघुतर | लघु + उत्तर |
| लघुर्मि | लघु + उर्मि |
| सिंधूर्मि | सिंधु + उर्मि |
| भूद्धार | भू + उद्धार |
| वधुपकार | वधू + उपकार |
| भूत्सर्ग | भू + उत्सर्ग |
| वधुत्सव | वधू + उत्सव |
| वधुल्लेख | वधू + उल्लेख |
| मधूर्मि | मधु + उर्मि |
| वधूर्मि | वधु + उर्मि |
| वधूर्जा | वधू + ऊर्जा |
| सरयुर्मि | सरयू + उर्मि |
| भूषमा | भू + ऊष्मा |
| भुर्जा | भू + ऊर्जा |
| देवेंद्र | देव + इंद्र |
| सुरेंद्र | सूर + इंद्र |
| वीरेंद्र | वीर + इंद्र |
| गजेंद्र | गज + इंद्र |
| सोमेश | सोम + ईश |
| भारतेंदु | भारत + इंदु |
| नरेश | नर + ईश |
| परमेश्वर | परम + ईश्वर |
| गणेश | गण + ईश |
| स्वेच्छा | स्व + इच्छा |
| महेंद्र | महा + इंद्र |
| रविंद्र | रमा + इंद्र |
| राजेंद्र | राजा + इंद्र |
| महेश | महा + ईश |
| रमेश | रमा + ईश |
| राजेश | राजा + ईश |
| यथेष्ट | यथा + इष्ट |
| सूर्योदय | सूर्य + उदय |
| पूर्वोदय | पूर्व + उदय |
| पूर्वोत्तर | पूर्व + उत्तर |
| पश्चिमोत्तर | पश्चिम + उत्तर |
| सागरोउर्मि | सागर + उर्मि |
| वीरोचित | वीर + उचित |
| नवोदय | नव + उदय |
| सर्वोदय | सर्व + उदय |
| नवोढा | नव + ऊढा |
| ज्ञानोपदेश | ज्ञान + उपदेश |
| महोत्सव | महा + उत्सव |
| गंगोर्मि | गंगा + उर्मि |
| महोदधि | महा + उदधि |
| महोषण | महा + उष्ण |
| शीतोष्ण | शीत + उष्ण |
| महोष्म | महा + ऊष्मा |
| गंगोदक | गंगा + उदक |
| आत्मोत्सर्ग | आत्मा + उत्सर्ग |
| यथोचित | यथा + उचित |
| ब्रह्मऋषि | ब्रह्मा + ऋषि |
| महर्षि | महा + ऋषि |
| राजर्षि | राजा + ऋषि |
| सप्तर्षि | सप्त + ऋषि |
| देवर्षि | देव + ऋषि |
| अत्यधिक | अति + अधिक |
| अत्यंत | अति + अंत |
| सत्यानंद | सत्य + आनंद |
| इत्यादि | इति + आदि |
| व्याप्त | वि + आप्त |
| व्याकुल | वि + आकुल |
| अत्याचार | अति + आचार |
| अन्वय | अनु + अय |
| गुर्वर्पण | गुरु + अर्पण |
| मन्वंतर | मनु + अंतर |
| माध्वालय | मधु + आलय |
| मध्वरी | मधु + अरि |
| अन्वेषण | अनु + एषण |
| वध्वागमन | वधू + आगमन |
| अन्विति | अनु + इति |
| गुर्वाकृति | गुरु + आकृति |
| गुर्वादेश | गुरु + आदेश |
| र | ऋ + अन्यस्वर |
| मत्रानन्द | मातृ + आनंद |
| पित्रादेश | पितृ + आदेश |
| पित्रनुमति | पितृ + अनुमति |
| भ्रात्राज्ञा | भ्रातृ + आज्ञा |
| मात्राज्ञा | मातृ + आज्ञा |
| पित्राज्ञा | पितृ + आज्ञा |
| पित्रुपदेश | पितृ + उपदेश |
| नवैश्वर्य | नव + ऐश्वर्य |
| सदैव | सदा + एव |
| मतैक्य | मत + ऐक्य |
| एकैक | एक + एक |
| यथैव | यथा + एव |
| लोकैषणा | लोक + एषणा |
| महौदर्य | महा + औदार्य |
| वनौषध | वन + औषध |
| परमौज | परम + ओज |
| महौषध | महा + औषध |
| महौज | महा + ओज |
| अय | ए + अन्यस्वर |
| नयन | ने + अन |
| शयन | शे + अन |
| चयन | चे + अन |
| अय | ऐ + अन्यस्वर |
| गायक | गे + अक |
| गायन | गे + अन |
| नायक | ने + अक |
| कायिक | कै + इक |
| अव् | ओ + अन्यस्वर |
| पवन | पो + अन |
| भवन | भो + अन |
| गवीश | गो + ईश |
| पवित्र | पो + इत्र |
| आव् | औ + अन्यस्वर |
| पावन | पौ + अन |
| पावक | पौ + अक |
| नाविक | नौ + इक |
| भावुक | भौ + उक |
| भावन | भौ + अन |
| कल्पान्त | कल्प + अन्त |
| क्रोधाग्नि | क्रोध + अग्नि |
| कित्रर | किम् + नर |
| कंठोष्ठय | कंठ + ओष्ठ्य |
| कपीश | कपि + ईश |
| कवीश्वर | कवि + ईश्वर |
| किंवा | किम् + वा |
| कूपोदक | कूप + उदक |
| कुशासन | कुश + आसन |
| कुठाराघात | कुठार + आघात |
| क्रोधान्ध | क्रोध + अंध |
| कौमी | कौम + ई |
| कीटाणु | कीट + अणु |
| कुर्मावतार | कूर्म + अवतार |
| कालांतर | काल + अंतर |
| किंचित् | किम् + चित |
| कपलेश्वर | कपिल + ईश्वर |
| कवीन्द्र | कवि + इन्द्र |
| कपीश्वर | कपि + ईश्वर |
| किन्तु | किम् + तु |
| कुशाग्र | कुश + अग्र |
| कुसुमायुध | कुसुम + आयुध |
| कोणार्क | कोण + अर्क |
| कोषाध्यक्ष | कोष + अध्यक्ष |
| कृतान्त | कृत + अंत |
| खगासन | खग + आसन |
| खटमल | खट + मल |
| गवीश | गो + ईश |
| गणेश | गण + ईश |
| गंगोदक | गंगा + उदक |
| ग्रामोद्धार | ग्राम + उद्धार |
| गिरीन्द्र | गिरि + इन्द्र |
| गुप्पचति | गुब + पचति |
| गुरुत्वाकर्षण | गुरुत्व + आकर्षण |
| गंगौघ | गंगा + ओघ |
| गंगैश्वर्य | गंगा + ऐश्वर्य |
| गायन | गै + अन |
| गुडाकेश | गुडाका + ईश |
| गिरीश | गिरि + ईश |
| गौरवान्वित | गौरव + अन्वित |
| घड़घड़ाहट | घड़घड़ + आहट |
| घुड़दौड़ | घोड़ा + दौड़ |
| घनानंद | घन + आनंद |
| चतुरानन | चतुर + आनन |
| चतुर्भुज | चतुः + भुज |
| चन्द्रोदय | चन्द्र + उदय |
| चरणामृत | चरण + अमृत |
| चतुष्पाद | चतुः + पाद |
| चयन | चे + अन |
| चिकित्सालय | चिकित्सा + आलय |
| चिन्मय | चित् + मय |
| चतुर्दिक | चतुः + दिक् |
| चतुरंग | चतुः + अंग |
| चूड़ान्त | चूड़ा + अंत |
| चिन्ताक्रान्त | चिंता + आक्रान्त |
| छिद्रान्वेषी | छिद्र + अनु + एषी |
| छुटपन | छोटा + पन |
| छुटभैया | छोटा + भैया |
| जगदीन्द्र | जगत् + इन्द्र |
| जगज्जय | जगत् + जय |
| जगन्नियन्ता | जगत् + नियन्ता |
| जगद्बन्धु | जगत् + बन्धु |
| जनतैक्य | जनता + ऐक्य |
| जनतौत्सुक्य | जनता + औत्सुक्य |
| ज्योतिर्मठ | ज्योतिः + मठ |
| जलौघ | जल + ओघ |
| जानकीश | जानकी + ईश |
| जागृतावस्था | जागृत + अवस्था |
| जात्यभिमानी | जाति + अभिमानी |
| जीवनानुकूल | जीवन + अनुकूल |
| जीवनोपयोगी | जीवन + उपयोगी |
| जीवनोपार्जन | जीवन + उपार्जन |
| जीविकार्थ | जीविका + अर्थ |
| जीर्णोद्धार | जीर्ण + उद्धार |
| जगदीश | जगत्+ईश |
| जलोर्मि | जल+ऊर्मि |
| झड़बेरी | झाड़ + बेड़ |
| झंडोत्तोलन | झंडा + उत्तोलन |
| झगड़ालू | झगड़ा + आलू |
| टुकड़तोड़ | टुकड़ा + तोड़ |
| टुटपूँजिया | टूटी + पूँजी |
| ठाढ़ेश्वरी | ठाढ़ा + ईश्वरी |
| ठकुरसुहाती | ठाकुर + सुहाना |
| डंडपेल | डंड + पेलना |
| डिठौना | डीठ + औना |
| ढँढोरिया | ढँढोरा + इया |
| ढकोसला | ढंक + कौशल |
| तथैव | तथा + एव |
| तपोवन | तपः + वन |
| तपोभूमि | तपः + भूमि |
| तिरस्कार | तिरः + कार |
| तेजोमय | तेजः + मय |
| तमसावृत | तमसा + आवृत |
| तद्रूप | तत् + रूप |
| तद्धित | तत् + हित |
| तट्टीका | तत् + टीका |
| तज्जय | तत् + जय |
| तच्छरीर | तत् + शरीर |
| तदिह | तत् + इह |
| तदाम्य | तत् + आत्म्य |
| तत्त्व | तत् + त्व |
| तच्छिव | तत् + शिव |
| तिरस्कृत | तिरः + कृत |
| तत्तनोति | तद + तनोति |
| तेऽद्र | ते + अद्र |
| तस्मिन्नारमे | तस्मिन + आरामे |
| तदुपरान्त | तत् + उपरान्त |
| तृष्णा | तृष + ना |
| तल्लीन | तत् + लीन |
| तेजोराशि | तेजः + राशि |
| तथापि | तथा + अपि |
| तथास्तु | तथा + अस्तु |
| तेजोपुंज | तेजः + पुंज |
| तदाकार | तत् + आकार |
| तद्रूप | तत् + रूप |
| तेनादिष्ट | तेन + अदिष्ट |
| तच्छरण | तत् + शरण |
| तद्धवि | तत् + हवि |
| तदस्ति | तत् + अस्ति |
| तन्मय | तत् + मय |
| तल्लय | तत् + लय |
| त्वगिन्द्रय | त्वक + इन्द्रिय |
| तेऽपि | ते + अपि |
| तृष्णा | तृष् + ना |
| तेजआभास | तेजः + आभास |
| थुक्काफजीहत | थूक + फजीहत |
| थनैला | थन + ऐला |
| देवेन्द्र | देव + इन्द्र |
| दावानल | दाव + अनल |
| दुर्धर्ष | दुः + धर्ष |
| दुर्दिन | दुः + दिन |
| देवर्षि | देव + ऋषि |
| दुर्ग | दुः + ग |
| दिगम्बर | दिक् + अम्बर |
| दुःस्थल | दुः + स्थल |
| देव्यागम | देवी + आगम |
| दुर्जन | दुः + जन |
| देहांत | देह + अंत |
| देवालय | देव + आलय |
| दुष्परिणाम | दुः + परिणाम |
| दुर्घटना | दुः + घटना |
| देशाभिमान | देश + अभिमान |
| देवैश्वर्य | देव + ऐश्वर्य |
| दैन्यावस्था | दैन्य + अवस्था |
| दृष्टि | दृष् + टि |
| दन्त्योष्ठ्य | दन्त + ओष्ठ्य |
| दिनेश | दिन + ईश |
| दिग्हस्ती | दिक् + हस्ती |
| दुःखात्मक | दुख + आत्मक |
| दुरन्त | दुः + अंत |
| दुरुपयोग | दुः + उपयोग |
| दुःख | दुः + ख |
| दुस्तर | दुः + तर |
| दुर्नीति | दुः + नीति |
| दिग्गज | दिक् + गज |
| दिग्भ्रम | दिक + भ्रम |
| दुर्वह | दुः + वह |
| दुनीति | दुः + नीति |
| दुश्शासन | दुः + शासन |
| देवेश | देव + ईश |
| दुस्तर | दुः + तर |
| दुष्कर | दुः + कर |
| दोषारोपण | दोष + आरोपण |
| देवैश्र्वर्य | देव + ऐश्र्वर्य |
| दैव्यंग | देवी + अंग |
| दुर्बलता | दुः + बलता |
| देशान्तर | देश + अंतर |
| देशानुराग | देश + अनुराग |
| देवीच्छा | देवी + इच्छा |
| दैन्यादि | दैन्य + आदि |
| दृष्टान्त | दृष्ट + अंत |
| दिगन्त | दिक् + अंत |
| दिग्भाग | दिक् + भाग |
| दुर्लभ | दुः + लभ |
| दुर्बल | दुः + बल |
| दुस्साहस | दुः + साहस |
| दुष्कर्म | दुः + कर्म |
| दुःखान्त | दुःख + अंत |
| दुर्निवार | दुः + निवार |
| धनान्ध | धन + अन्ध |
| धनुष्टंकार | धनुः + टंकार |
| धर्मोपदेश | धर्म + उपदेश |
| ध्यानावस्थित | ध्यान + अवस्थित |
| धनुर्धर | धनुः + धर |
| धनित्व | धनिन + त्व |
| धर्माधिकारी | धर्म + अधिकारी |
| नमस्कार | नमः + कार |
| निस्सन्देह | निः + सन्देह |
| निस्सहाय | निः + सहाय |
| निष्कपट | निः + कपट |
| नयन | ने + अन |
| निरन्तर | निः + अन्तर |
| नायक | नै + अक |
| निर्मल | निः + मल |
| नीरव | निः + रव |
| निम्नांकित | निम्न + अंकित |
| नागाधिराज | नाग + अधिराज |
| निश्र्चिन्त | निः + चिन्त |
| निर्विकार | निः + विकार |
| नद्यम्बु | नदी + अम्बु |
| निस्सृत | निः + सृत |
| निष्काम | निः + काम |
| निष्प्राण | निः + प्राण |
| निष्फल | निः + फल |
| नारायण | नार + अयन |
| निश्र्चल | निः + चल |
| निषिद्ध | निः + सिद्ध |
| निर्झर | निः + झर |
| निष्कारण | निः + कारण |
| निस्संतान | निः + संतान |
| नरेंद्र | नर + इंद्र |
| निराहार | निः + आहार |
| नवोऽकुंर | नव + अंकुर |
| नास्ति | न + अस्ति |
| नष्ट | नष् + त |
| नयनाभिराम | नयन + अभिराम |
| निष्पाप | निः + पाप |
| निस्तांर | निः + तार |
| निर्माण | निः + मान |
| निस्तेज | निः + तेज |
| निर्भीकता | निः + भीकता |
| निरौषध | निः + औषध |
| निरिच्छा | निः + इच्छा |
| निश्छिद्र | निः + छिद्र |
| निरन्तर | निः + अंतर |
| निरेफ | निः + रेफ |
| निराधार | निः + आधार |
| निगमागम | निगम + आगम |
| निर्बल | निः + बल |
| निर्दोष | निः + दोष |
| निर्णय | निः + नय |
| निर्द्वन्द्व | निः + द्वन्द्व |
| निश्चय | निः + चय |
| निर्विरोध | निः + विरोध |
| नियमानुसार | नियम + अनुसार |
| नाविक | नौ + इक |
| निराधार | निः + आधार |
| निर्भर | निः + भर |
| नीरोग | निः + रोग |
| निश्छल | निः + छल |
| निर्गुण | निः + गुण |
| निस्सार | निः + सार |
| निस्तार | निः + तार |
| नरोत्तम | नर + उत्तम |
| नारीश्र्वर | नारी + ईश्र्वर |
| नद्यूर्मि | नदी + उर्मि |
| निश्र्चय | निः + चय |
| निरुपाय | निः + उपाय |
| नदीश | नदी + ईश |
| निरीक्षण | निः + ईक्षण |
| निरर्थक | निः + अर्थक |
| निरुद्देश्य | निः + उद्देश्य |
| निर्जल | निः + जल |
| न्यून | निः + ऊन |
| निरीह | निः + ईह |
| निर्विवाद | निः + विवाद |
| निश्शब्द | निः + शब्द |
| नीरव | निः + रव |
| नमस्ते | नमः + ते |
| निराशा | निः + आशा |
| नारींदु | नारी + इंदु |
| नरेश | नर + ईश |
| नवोढा | नव + उढ़ा |
| न्यून | नि + ऊन |
| नद्यर्पण | नदी + अर्पण |
| निष्पक्ष | निः + पक्ष |
| निर्धन | निः + धन |
| निर्दोष | निः + दोष |
| निर्घोषित | निः + घोषित |
| निरर्थ | निः + अर्थ |
| निर्हस्त | निः + हस्त |
| निराशा | निः + आशा |
| निषिद्ध | निः + सिद्ध |
| निर्वासित | निः + वासित |
| निरन्ध्र | निः + रन्ध्र |
| निरक्षर | निः + अक्षर |
| निर्जीव | निः + जीव |
| निर्बलात्मा | निर्बल + आत्मा |
| निराकार | निः + आकार |
| निर्भर | निः + भर |
| निश्चित | निः + चित |
| निष्क्रिय | निः + क्रिय |
| न्यूनातिन्यून | न्यून + अति + न्यून |
| परमार्थ | परम + अर्थ |
| परिणाम | परि + नाम |
| पयोधि | पयः + धि |
| प्रधानाध्यापक | प्रधान + अध्यापक |
| परमेश्वर | परम + ईश्वर |
| प्रत्येक | प्रति + एक |
| प्रत्यक्ष | प्रति + अक्ष |
| पुलकावली | पुलक + अवलि |
| पावक | पौ + अक |
| पवन | पो + अन |
| परीक्षा | परि + ईक्षा |
| परमौजस्वी | परम + ओजस्वी |
| पवित्र | पो + इत्र |
| पृष्ठ | पृष् + थ |
| पृथ्वीश | पृथ्वी + ईश |
| पंचम | पम् + चम |
| पित्रिच्छा | पितृ + इच्छा |
| परिच्छेद | परि + छेद |
| प्रतिच्छाया | प्रति + छाया |
| परमौषध | परम + औषध |
| पित्रनुमति | पितृ + अनुमति |
| पश्र्वधम | पशु + अधम |
| पुरोहित | पुरः + हित |
| पुनर्जन्म | पुनर + जन्म |
| पच्छाक | पच + शाक |
| परमाद्रि | परम + आद्रि |
| परमाणु | परम + अणु |
| पर्यान्त | परि + आप्त |
| पयोमान | पयः + मान |
| पितृऋण | पितृ + ऋण |
| पितारक्ष | पितः + रक्ष |
| पुनरुक्ति | पुनः + उक्ति |
| पुनरुत्थान | पुनः + उत्थान |
| प्रहार | प्र + हार |
| प्रतीत | प्रति + इत |
| प्रजार्थ | प्रजा + अर्थ |
| प्रत्युपकार | प्रति + उपकार |
| प्रतिच्छवि | प्रति + छवि |
| प्रार्थना | प्र + अर्थना |
| प्राणेश्वर | प्राण + ईश्वर |
| प्रोज्ज्वल | प्र + उज्ज्वल |
| पीताम्बर | पीत + अम्बर |
| प्रमाण | प्र + मान |
| पुस्तकालय | पुस्तक + आलय |
| परोपकार | पर + उपकार |
| पदोन्नति | पद + उन्नति |
| परमावश्यक | परम + आवश्यक |
| प्रत्याघात | प्रति + अघात |
| परन्तु | परम् + तु |
| पुरुषोत्तम | पुरुष + उत्तम |
| पुरस्कार | पुरः + कार |
| पयोद | पयः + द |
| पित्रादेश | पितृ + आदेश |
| प्रत्यय | प्रति + अय |
| प्रातःकाल | प्रातः + काल |
| पावन | पौ + अन |
| प्रत्युत्तर | प्रति + उत्तर |
| पुनर्जन्म | पुनः + जन्म |
| प्रांगण | प्र + अंगण |
| प्रथमोध्यायः | प्रथमः + अध्यायः |
| पुरुषोत्तम | पुरुष + उत्तम |
| पुनरुक्ति | पुनः + उक्ति |
| प्रोत्साहन | प्र + उत्साहन |
| परिष्कार | परिः + कार |
| परमैश्वर्य | परम + ऐश्वर्य |
| पदाक्रान्त | पद + आक्रान्त |
| पराधीन | पर + अधीन |
| परिच्छेद | परि + छेद |
| पश्वधम | पशु + अधम |
| पंचांग | पंच + अंग |
| पित्रादि | पितृ + आदि |
| पुरस्कृत | पुरः + कृत |
| पुष्ट | पुष् + त |
| पुनर्रचना | पुनः + रचना |
| प्रत्याचरण | प्रति + आचरण |
| प्रत्यारुयान | प्रति + आरुयान |
| प्रत्यक्षात्मा | प्रत्यक्ष + आत्मा |
| प्रत्युत्पन्न | प्रति + उत्पन्न |
| प्रलयंकर | प्रलयम + कर |
| प्राणिमात्र | प्राणिन + मात्र |
| प्रोत्साह | प्र + उत्साह |
| प्रौढ़ | प्र + उढ़ |
| फलाहारी | फल + आहारी |
| फलागम | फल + आगम |
| बलात्कार | बलात् + कार |
| बहिर्देश | बहिः + देश |
| बहिर्भाग | बहिः + भाग |
| बिंबोष्ठय | बिंब + ओष्ठ्य |
| बृहद्रथ | बृहत् + रथ |
| ब्रह्मास्त्र | ब्रह्म + अस्त्र |
| ब्रह्मानन्द | ब्रह्म + आनन्द |
| ब्रह्मर्षि | ब्रह्म + ऋषि |
| बहिर्मुख | बहिः + मुख |
| बहिष्कार | बहिः + कार |
| भवन | भो + अन |
| भानूदय | भानु + उदय |
| भावुक | भौ + उक |
| भूष्मा | भू + ऊष्मा |
| भगवद्गीता | भगवत् + गीता |
| भारतेन्दु | भारत + इन्दु |
| भास्कर | भाः + कर |
| भावोन्मेष | भाव + उन्मेष |
| भूर्जित | भू + उर्जित |
| भगवद्भक्ति | भगवत् + भक्ति |
| भोजनालय | भोजन + आलय |
| भाग्योदय | भाग्य + उदय |
| भूषण | भूष् + अन |
| भूत्तम | भू + उत्तम |
| भरण | भर + अन |
| भाविनी | भौ + इनी |
| भास्पति | भाः + पति |
| भिन्न | भिद् + न |
| भूदार | भू + उदार |
| भविष्यद्वाणी | भविष्यत् + वाणी |
| मुनीन्द्र | मुनि + इन्द्र |
| मृण्मय | मृत् + मय |
| महोर्मि | महा + ऊर्मि |
| महौज | महा + ओज |
| महार्णव | महा + अर्णव |
| महौषध | महा + औषध |
| मृगेन्द्र | मृग + इन्द्र |
| महेश्वर | महा + ईश्वर |
| देव्यर्पण | देवी + अर्पण |
| मत्स्याकार | मत्स्य + आकार |
| महोदय | महा + उदय |
| महर्षि | महा + ऋषि |
| मरणोत्तर | मरण + उत्तर |
| महत्वाकांक्षा | महत्व + आकांक्षा |
| महेश | महा + ईश |
| महाशय | महा + आशय |
| मनोरथ | मनः + रथ |
| मनोभाव | मनः + भाव |
| महैश्र्वर्य | महा + ऐश्र्वर्य |
| मकराकृत | मकर + आकृत |
| मनस्पात | मनः + ताप |
| मनोवैज्ञानिक | मनः + वैज्ञानिक |
| मनोनीत | मनः + नीत |
| महच्छत्र | महत् + छत्र |
| महत्व | महत् + त्व |
| महीश्वर | मही + ईश्वर |
| महोरु | महा + ऊरु |
| महौदार्य | महा + औदार्य |
| मायाधीन | माया + अधीन |
| मात्रानन्द | मातृ + आनन्द |
| मन्त्रोच्चारण | मंत्र + उत् + चारण |
| महीन्द्र | मही + इन्द्र |
| मातृण | मातृ + ऋण |
| मतैक्य | मत + ऐक्य |
| मन्वन्तर | मनु + अन्तर |
| मनोयोग | मनः + योग |
| मध्वासव | मध + आसव |
| मनोनुकूल | मनः + अनुकूल |
| महेन्द्र | महा + इन्द्र |
| मंगलाकार | मंगल + आकार |
| मध्यावकाश | मध्य + अवकाश |
| मतानुसार | मत + अनुसार |
| महोत्सव | महा + उत्सव |
| मदांध | मद + अंध |
| मनोगत | मनः + गत |
| मनोविकार | मनः + विकार |
| मनोज | मनः + ज |
| मनोहर | मनः + हर |
| महर्षि | महा + ऋषि |
| मनोबल | मनः + बल |
| मतैक्ता | मत + एकता |
| मनोरंजन | मनः + रंजन |
| मनोनुसार | मनः + अनुसार |
| मनोवधान | मनः + अवधान |
| महात्मा | महा + आत्मा |
| महदोज | महत् + ओज |
| महालाभ | महान + लाभ |
| महौज | महा + ओज |
| महौषधि | महा + औषधि |
| मातृऋण | मातृ + ऋण |
| मुनीश्वर | मुनि + ईश्वर |
| महामात्य | महा + अमात्य |
| यथेष्ट | यथा + इष्ट |
| यद्यपि | यदि + अपि |
| यशोभिलाषी | यशः + अभिलाषी |
| योजनावधि | योजन + अवधि |
| युगानुसार | युग + अनुसार |
| यथोचित | यथा + उचित |
| यशइच्छा | यशः + इच्छा |
| यशोदा | यशः + दा |
| युधिष्ठिर | युधि + स्थिर |
| यशोधरा | यशः + धरा |
| यशोधन | यशः + धन |
| यवनावनि | यवन + अवनि |
| यज्ञ | यज + न |
| यशोलाभ | यशः + लाभ |
| रत्नाकर | रत्न +आकर |
| रहस्योदघाटन | रहस्य + उद्घाटन |
| राज्याभिषेक | राज्य + अभिषेख |
| रामायण | राम + अयन |
| रजकण | रजः + कण |
| रसास्वादन | रस + आस्वादन |
| रामावतार | राम + अवतार |
| रेखांश | रेखा + अंश |
| रहस्याधिकारी | रहस्य + अधिकारी |
| राजर्षि | राज + ऋषि |
| राज्यगार | राज्य + आगार |
| रमेश | रमा + ईश |
| रवींद्र | रवि + इंद्र |
| रसातल | रसा + अतल |
| राजाज्ञा | राजा + आज्ञा |
| रुद्रावतार | रूद्र + अवतार |
| रसायन | रस + अयन |
| लक्ष्मीश | लक्ष्मी + ईश |
| लोकोक्ति | लोक + उक्ति |
| लघूर्मि | लघु + ऊर्मि |
| लोकोत्तर | लोक + उत्तर |
| लोकोपकार | लोक + उपकार |
| लम्बोदर | लम्ब + उदर |
| वागीश | वाक् + ईश |
| वाग्जाल | वाक् + जाल |
| व्युत्पत्ति | वि + उत्पत्ति |
| विद्योत्रति | विद्या + उत्रति |
| व्याप्त | वि + आप्त |
| विद्यालय | विद्या + आलय |
| विद्दोत्मा | विद्या + उत्तमा |
| व्ययामादी | व्यायाम + आदि |
| वसुधैव | वसुधा + एव |
| विद्यार्थी | विद्या + अर्थी |
| विधूदय | विधु + उदय |
| वधूत्सव | वधू + उत्सव |
| वधूल्लेख | वधू + उल्लेख |
| वधूर्मिका | वधू + उर्मिका |
| व्यस्त | वि + अस्त |
| व्यभिचार | वि + अभिचार |
| व्यापी | वि + आपी |
| वार्तालाप | वार्ता + आलाप |
| वाग्रोध | वाक् + रोध |
| वाग्दान | वाक् + दान |
| विद्योपदेश | विद्या + उपदेश |
| विमलोदक | विमल + उदक |
| विश्वामित्र | विश्व + अमित्र |
| विस्मरण | वि + स्मरण |
| वृक्षच्छाया | वृक्ष + छाया |
| विशेषोन्मुख | विशेष + उन्मुख |
| वीरांगणा | वीर + अंगना |
| विपज्जाल | विपद् + जाल |
| व्यर्थ | वि + अर्थ |
| वयोवृद्ध | वयः + वृद्ध |
| बहिष्कार | बहिः + कार |
| विद्याध्ययन | विद्या + अध्ययन |
| वधूत्सव | वधू + उत्सव |
| व्यायाम | वि + आयाम |
| व्याकुल | वि + आकुल |
| विषम | वि + सम |
| वनौषधि | वन + ओषधि |
| वधूर्जा | वधू + ऊर्जा |
| वध्वैश्र्वर्य | वधू + ऐश्र्वर्य |
| वनस्पति | वनः + पति |
| व्यवहार | वि + अवहार |
| व्यापकता | वि + आपकता |
| व्यापक | वि + आपक |
| वातावरण | वात + आवरण |
| वारीश | वारि + ईश |
| विच्छेद | वि + छेद |
| विन्यास | वि + नि + आस |
| विपल्लीन | विपद् + लीन |
| वधूचित | वधू + उचित |
| वृद्धावस्था | वृद्ध + अवस्था |
| वृहदाकार | वृहत् + आकार |
| विरुदावली | विरुद + अवली |
| शंकर | शम् + कर |
| शशांक | शश + अंक |
| शताब्दी | शत + अब्दी |
| शिलारोपण | शिला + आरोपण |
| शेषांश | शेष + अंश |
| श्वासोच्छवास | श्वास + उत् |
| शिरोमणि | शिरः + मणि |
| शस्त्रास्त्र | शस्त्र + अस्त्र |
| शरच्चंद्र | शरत् + चन्द्र |
| शुद्धोदन | शुद्ध + ओदन |
| शीघ्रातिशीघ्र | शीघ्र + अतिशीघ्र |
| षोडशोपचार | षोडस + उपचार |
| सदहस्ती | सत् + हस्ती |
| संदेह | सम् + देश |
| समाचार | सम् + आचार |
| समालोचना | सम् + आलोचना |
| सम्मुख | सम् + मुख |
| सद्गुरु | सत् + गुरु |
| संसार | सम् + सार |
| संयम | सम + यम |
| साश्र्चर्य | स + आश्र्चर्य |
| सच्चरित्र | सत + चरित्र |
| सन्धि | सम + धि |
| शुद्धोदन | शुद्ध + ओदन |
| सदभावना | सत + भावना |
| संचय | सम + चय |
| सीमान्त | सीमा + अंत |
| समन्वय | सम् + अनु + अय |
| संगठन | सम + गठन |
| समुच्चय | सम + उत् + चय |
| संकोच | सम् + कोच |
| सुरेन्द्र | सुर + इन्द्र |
| सद्धर्म | सत् + धर्म |
| संयोग | सम् + योग |
| संवत् | सम + वत् |
| सर्वोत्तम | सर्व + उत्तम |
| समुदाय | सम + उत् + आय |
| सदवाणी | सत् + वाणी |
| संतप्त | सम् + तप्त |
| स्वाध्याय | स्व + अध्याय |
| सर्वोच्च | सर्व + उच्च |
| स्वाभिमानी | स्व + अभिमानी |
| स्वालंबन | स्व + अवलंबन |
| स्वाध्याय | स्व + अध्याय |
| सत्याग्रह | सत्य + आग्रह |
| सदुत्तर | सत् + उत्तर |
| सन्तोष | सम् + तोष |
| सद्वंश | सत् + वंश |
| सतीश | सती + ईश |
| षडानन | षट् + आनन |
| संकल्प | सम् + कल्प |
| संबंध | सम् + बंध |
| संवाद | सम् + वाद |
| संसार | सम् + सार |
| सम्मान | सम् + मान |
| स्वच्छंद | स्व + छंद |
| सन्नद | सत् + नद |
| समीक्षा | सम् + ईक्षा |
| संस्कृति | सम् + कृति |
| संगठन | सम् + गठन |
| सन्तान | सम् + तान |
| संसर्ग | सम् + सर्ग |
| सर्वोदय | सर्व + उदय |
| सदिच्छा | सत् + इच्छा |
| सतीच्छा | सती + इच्छा |
| सत्कार | सत् + कार |
| संकीर्ण | सम् + कीर्ण |
| संभव | सम् + भव |
| संग्राम | सम् + ग्राम |
| सज्जन | सत् + जन |
| संलग्न | सम् + लग्न |
| सर्वोपरि | सर्व + उपरि |
| सारांश | सार + अंश |
| साग्रह | स + आग्रह |
| साधूहा | साधु + उहा |
| सिहांसन | सिंह + आसन |
| सुन्दरौदन | सुन्दर + ओदन |
| सेवार्थ | सेवा + अर्थ |
| सोऽहम | सः + अहम् |
| स्वेच्छा | स्व + इच्छा |
| सम्मति | सम् + मति |
| स्वाधीन | स्व + अधीन |
| समुदाय | सम् + उदाय |
| समृद्धि | सम् + ऋद्धि |
| सच्छात्र | सत् + शास्त्र |
| संपूर्ण | सम् + पूर्ण |
| संहार | सम् + हार |
| संसार | सम् + सार |
| सन्धि | सम् + धि |
| संकोच | सम् + कोच |
| स्थानान्तर | स्थान + अंतर |
| स्वात्मबल | स्व + आत्मबल |
| साभिलाष | स + अभिलाष |
| सम्मानास्पद | सम् + मान + आस्पद |
| सदसद्विवेकिनी | सत् + असत् + विवेकिनी |
| सर्वतोभावेन | सर्वतः + भावेन |
| स्वेच्छाचारी | स्वेच्छा + आचारी |
| संतुष्ट | सम् + तुष्ट |
| संघर्ष | सम् + घर्ष |
| संकट | सम् + कल्प |
| सर्वोच्च | सर्व + उच्च |
| सत्कार | सत् + कार |
| सज्जन | सत् + जन |
| सदाचार | सत् + आचार |
| स्वाधीन | स्व + अधीन |
| सावधान | स + अवधान |
| सदभाव | सत + भाव |
| स्वर्ग | स्वः + ग |
| स्वार्थ | स्व + अर्थ |
| सच्छास्त्र | सत् + शास्त्र |
| संवाद | सम् + वाद |
| सप्तर्षि | सप्त + ऋषि |
| सत्याग्रह | सत्य + आग्रह |
| सद्विचार | सत् + विचार |
| सर्वोदय | सर्व + उदय |
| श्रेयस्कर | श्रेयः + कर |
| सदानन्द | सत् + आनन्द |
| संकल्प | सम् + कल्प |
| संयम | सम् + यम |
| साष्टाग | स + अष्ट + अंग |
| सत्रिहित | सत् + निहित |
| सूर्योदय | सूर्य + उदय |
| स्वयम्भूदय | स्वयम्भू + उदय |
| षड्दर्शन | षट् + दर्शन |
| सर्वाधिक | सर्व + अधिक |
| सत्याग्रही | सत्य + आग्रही |
| सर्वोत्तम | सर्व + उत्तम |
| स्वर्णाक्षर | स्वर्ण + अक्षर |
| स्वाधीनता | स्व + आधीनता |
| शरीरांत | शरीर + अंत |
| स्वागत | सु + आगत |
| सरोज | सरः + ज |
| सरोवर | सरः + वर |
| सदैव | सदा + एव |
| षण्मास | षट् + मास |
| संपूर्ण | सम् + पूर्ण |
| संरक्षण | सम् + रक्षण |
| संविधान | सम् + विधान |
| सज्जन | सत् + जन |
| सम्मति | सम् + मति |
| स्वागत | सु + आगत |
| संहारैषण | संहार + एषण |
| समुचित | सम् + उचित |
| संगीत | सम् + गीत |
| संदेह | सम् + देह |
| सदुप्रयोग | सत् + उपयोग |
| सत्यासक्त | सत्य + आसक्त |
| समाधान | सम् + आधान |
| समालोचक | सम् + आलोचक |
| सदवतार | सत् + अवतार |
| सम्राज | सम् + राज |
| संयोग | सम् + योग |
| संयुक्त | सम् + युक्त |
| सहायतार्थ | सहायता + अर्थ |
| सत्साहित्य | सत् + साहित्य |
| संघाराम | संघ + आराम |
| सर्वागीण | सर्व + अंगीन |
| साश्चर्य | स + आश्चर्य |
| सावधान | स + अवधान |
| सिद्धांत | सिद्ध + अन्त |
| सुधेच्छा | सुधा + इच्छा |
| सुरानुकूल | सुर + अनुकूल |
| सोत्साह | स + उत्साह |
| स्वार्थ | स्व + अर्थ |
| सहोदर | सह + उदर |
| स्वैर | स्व + ईर |
| सज्जाति | सत् + जाति |
| समुद्रोर्मि | समुद्र + उर्मि |
| सख्युचित | सखी + उचित |
| संभव | सम् + भव |
| संक्रान्ति | सम् + क्रान्ति |
| संवत् | सम् + वत् |
| संपर्क | सम् + पर्क |
| संगम | सम् + गम |
| संचय | सम् + चय |
| स्वच्छन्द | स्व + छन्द |
| सुखोपभोग | सुख + उपभोग |
| सावकाश | स + अवकाश |
| संग्रहालय | सम् + ग्रह + आलय |
| सच्चिदानन्द | सत् + चित् + आनन्द |
| स्वर्गारोहण | स्वर्ग + आरोहण |
| हिमांचल | हिम + अंचल |
| हरिश्चन्द्र | हरिः + चन्द्र |
| हताश | हत + आश |
| हरीच्छा | हरि + इच्छा |
| हिमाच्छादित | हिम + आच्छादित |
| हिमालय | हिम + आलय |
| ह्रदयानन्द | ह्रदय + आनन्द |
| हितोपदेश | हित + उपदेश |
| ह्रदयहारिणी | ह्रदय + हारिणी |
| हरेक | हर + एक |
| हृद्येश | हृद् + देश |
| त्रिलोकेश्वर | त्रिलोक + ईश्वर |
| ज्ञानोपदेश | ज्ञान + उपदेश |